संस्कृति संसद 2021 के उपलक्ष्य में दो दिवसीय चित्रकला शिविर का किया गया उद्घाटन

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हरिओम कुमार, वाराणसी। संस्कृति संसद 2021 के अवसर पर गंगा महासभा द्वारा दो दिवसीय चित्रकला शिविर का विधिवत उद्घाटन 10 नवंबर को ललितकला विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में किया गया।

“स्वतंत्रता के आंदोलन में काशी की भूमिका” विषयक चित्रकला शिविर का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने किया।

उद्घाटन कार्यक्रम में गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती एवं विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय मंत्री अशोक तिवारी भी उपस्थित रहे।

उद्घाटन सत्र के दौरान इंद्रेश कुमार ने स्वत्रंता संग्राम के सेनानियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित हो रहे संस्कृति संसद की सराहना की तथा सफल आयोजन हेतु मंगलकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भारत एक सर्वसमावेशी राष्ट्र है जहां सभी धर्म और जाति के लोगों को समान अधिकार और सम्मान दिया जाता है, यही भारत को विशेष बनाता है।

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आजादी के संघर्ष में काशी की भूमिका पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने ऐसे भारत की कल्पना की थी जिसमें अनेकता में भी एकता हो और इस मुहिम को आगे बढ़ाने का कार्य हमारे प्रधानमंत्री ने किया। काशी को किसी पहचान की जरूरत नही है बल्कि इसकी पहचान मां गंगा, काशी विश्वनाथ तथा स्वतंत्रता संग्राम में काशी के रहने वाले स्वतंत्रता सेनानियों से है। कोरोना जैसे आपदा में भारत ने विश्वगुरू की भूमिका निभाई तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधते हुए भारत के विश्वगुरू के मूल छवि को उभारने का कार्य किया है।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृति संसद आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक बीजारोपण का काम करेगा जो कि प्रधानमंत्री द्वारा संस्कृति के उत्थान हेतु शुरू किए गए मुहिम को आगे बढाने में सहायक सिद्ध होगी।

स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने आजादी के संघर्ष में काशी की आम जनता द्वारा किये गए कार्य को भी रेखांकित किया साथ ही उन्होंने कहा कि काशी विद्यापीठ का स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की चर्चा करते हुए स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री संस्कृति और भारतीयता के उत्थान के लिए सदैव प्रयासरत रहते हैं। हमारे प्रधानमंत्री का लक्ष्य आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव पर भारतीय संस्कृति के उत्थान को केंद्र में रखते हुए आगे बढ़ाना है।

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कार्यक्रम का संचालन गंगा महासभा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री गोविंद शर्मा ने किया तथा शिविर का संचालन ललित कला विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुनील विश्वकर्मा ने किया।

शिविर में कई कलाकारों एवं चित्रकारों ने भाग लिया जिसमें प्रो. एस. प्रणाम सिंह, प्रो. सरोज रानी, डॉ. सुनील कुमार कुशवाहा, शालनी कश्यप, डॉ. शशिकांत नाग, राज कुमार, आकाश गुप्ता, निखिलेश प्रजापति, आशीष राय, संजय कुमार, के. एम. मेहरा, डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद, रजनीकांत त्रिपाठी, पदविनी मेहता, मुन्ना चौहान, आजाद कपूर, आशा एवं बलदाऊ वर्मा थे।


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