लखनऊ। हाथरस गैंगरेप और मर्डर केस में पीड़िता के गांव से मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़ित परिवार और आरोपी के परिवार के बीच 23 साल पुरानी दुश्मनी बताई जा रही है। नवभारत टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, गांव में ठाकुर समाज के दो गुट बताए जा रहे हैं। एक गुट के साथ वाल्मीकि समाज के लोग है। हाथरस पीड़िता के परिजन और एक आरोपी परिवार की करीब 23 साल पुरानी दुश्मनी है।
जानकारी के मुताबिक, ठाकुर बहुल बूलघड़ी गांव में वाल्मीकि समाज के लोग बहुत कम हैं। गांव में ठाकुर समाज के दो गुट होने की बात की जा रही है। एक गुट के साथ वाल्मीकि समाज के लोग हैं। दूसरा गुट युवती की मौत के आरोपी संदीप, रामू, लवकुश और रवि के पक्ष का है।
बताया जा रहा है कि तीनों आरोपी एक ही परिवार के हैं। एक आरोपी रामू है। जबकि रवि रामू के चाचा का बेटा है और संदीप का नजदीकी रिश्तेदार है। ये सभी पीड़िता के पड़ोसी बताए जा रहे हैं। गांव से मिली जानकारी के अनुसार, गुटबंदी की असल वजह एक प्लॉट पर मालिकाना हक का है।
उस प्लॉट पर दोनों तरफ के ठाकुरों की नजर थी। इसको लेकर गांव में अक्सर ही तनाव हो जाता था। करीब 23 साल पहले भी हैवानियत की शिकार हुई युवती के पिता ने एक आरोपी के पिता और उसके भाई के खिलाफ मारपीट और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा किया था। हालांकि उस वक्त भी तनाव हुआ था लेकिन बाद में समझौता हो गया था।
19 साल की दलित लड़की के साथ गैंगरेप
14 सितंबर को हाथरस के थाना चंदपा के गांव में चार युवकों ने एक 19 साल की दलित लड़की के साथ बाजरे के खेत में गैंगरेप किया था। मामले में पुलिस पर लापरवाही भरा रवैया अपनाने का आरोप लगा है। पुलिस ने रेप की धाराओं में केस दर्ज के बजाय छेड़खानी के आरोप में एक युवक को हिरासत में हुआ। बाद में धारा 307 (हत्या की कोशिश) में मुकदमा दर्ज किया गया था।
वारदात के 9 दिन बाद किशोरी को होश आया
लड़की के साथ हैवानियत की घटना के 9 दिन बाद पीड़िता को होश आया था। उसके बाद पीड़िता ने अपनी आपबीती अपने परिजनों को बताई थी। बाद में हुई डॉक्टरी परीक्षण में गैंगरेप की पुष्टि होने के बाद हाथरस पुलिस ने तीन युवको को गिरफ्तार किया था। सोमवार को अचानक हालत और खराब होने के बाद पीड़िता को दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था। मंगलवार सुबह 4 बजे के लगभग पीड़िता जिंदगी की जंग हार गई।