Key Points:
- बकरी पालन से कम निवेश में मिलेगा बड़ा मुनाफा
- बकरी पालन कमाई का नया जरिया
- बकरी पालन से कर सकते हैं आमदनी दोगुनी
Key Points:
- बकरी पालन से कम निवेश में मिलेगा बड़ा मुनाफा
- बकरी पालन कमाई का नया जरिया
- बकरी पालन से कर सकते हैं आमदनी दोगुनी
Goat Farming Business in India: भारत में बकरी पालन (Goat Farming) एक पारंपरिक और तेजी से लोकप्रिय हो रहा व्यवसाय है। इस बिजनेस जिसे कम पूंजी, कम जगह और सामान्य देखभाल के साथ आसानी से शुरू किया जा सकता है। ग्रामीण इलाकों में यह लंबे समय से किसानों के लिए आय का मुख्य स्रोत रहा है।
बकरी पालन का यह बिजनेस अब शहरों और कस्बों के आसपास भी कई लोग आधुनिक तरीके से बकरी पालन कर रहे हैं। बकरी का मांस, दूध, खाल और गोबर – ये सभी चीजें बाजार में अच्छी कीमत पर बिकती हैं। इससे बकरी पालन करने वालों को नियमित आमदनी होती है।
Goat Farming Business कैसे करें?
बकरी पालन की शुरुआत सही नस्ल के चुनाव से करना चाहिए। भारत में जमुनापारी, बरबरी, सिरोही और बीटल जैसी नस्लें सबसे लोकप्रिय मानी जाती हैं। जमुनापारी बड़े आकार और अधिक दूध उत्पादन के लिए होती हैं। बरबरी नस्ल तेजी से वजन बढ़ाने और मांस के लिए इसका पालन किया जाता है। सिरोही नस्ल राजस्थान और आस-पास के क्षेत्रों में मांस और दूध दोनों के लिए बेहतर है जबकि बीटल नस्ल दूध उत्पादन के लिए बेहतरीन मानी जाती है।
- जमुनापारी – बड़े आकार, अधिक दूध उत्पादन और मांस के लिए प्रसिद्ध।
- बरबरी – छोटे आकार की, लेकिन तेजी से वजन बढ़ाने वाली नस्ल।
- सिरोही – राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में लोकप्रिय, मांस और दूध दोनों के लिए अच्छी।
- बीटल – दूध उत्पादन के लिए बेहतरीन।
बकरी पालन के लिए साफ-सुथरा और हवादार शेड बेहद जरूरी है। जानकार बताते हैं कि शेड जमीन से दो से तीन फीट ऊंचा बनाना चाहिए ताकि नमी और गंदगी ना फैले। एक बकरी के लिए कम से कम 10 से 12 वर्ग फीट जगह रखना सही होता है। साथ ही शेड में गर्मी और सर्दी दोनों से बचाव की व्यवस्था होनी चाहिए।
बकरी के लिए अच्छा चारा कैसे चुनें?
चारे की बात करें तो बकरी पालन में लगभग 70 फीसदी खर्च इसी पर आता है। हरा चारा जैसे नेपियर घास, बरसीम, ज्वार और सूखा चारा जैसे भूसा व सूखी पत्तियां देना जरूरी है। इसके अलावा मिनरल मिक्स और दाने भी दिए जाने चाहिए ताकि बकरियों का वजन और दूध उत्पादन बढ़ सके। साफ पानी की निरंतर उपलब्धता भी स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
बकरियों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित टीकाकरण और कीड़े निकालने की दवा देना आवश्यक है। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने से बीमारियों का खतरा कम होता है। प्रजनन के लिए एक नर बकरी 20 से 25 मादा बकरियों के लिए पर्याप्त होता है। अच्छी नस्ल के बकरे का चयन करने से झुंड की गुणवत्ता में सुधार होता है।
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- बकरियों का नियमित टीकाकरण और कीड़े निकालने की दवाई दें।
- साफ-सफाई पर ध्यान दें ताकि बीमारियां न फैलें।
- समय-समय पर पशु चिकित्सक से जांच कराएं।
Goat Farming Business से होती है अच्छी कमाई
बकरी पालन के आर्थिक फायदे भी कम नहीं हैं। यह व्यवसाय कम निवेश में शुरू होकर तेजी से बढ़ सकता है। बकरियां साल में दो बार बच्चे देती हैं और हर बार 2 से 4 बच्चे तक हो सकते हैं। बकरी का मांस सालभर मांग में बना रहता है और बाजार में 700 से 1000 रुपये प्रति किलो तक बिक सकता है। वहीं बकरी का दूध 60 से 80 रुपये प्रति लीटर के दाम पर बिकता है। इसके अलावा खाल चमड़े के उद्योग में और गोबर व पेशाब जैविक खेती के लिए उपयोगी होते हैं।
कमाई के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। बकरियों की बिक्री करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। त्योहारों जैसे बकरीद पर ऊंचे दाम पर बिक्री कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। दूध और दूध से बने उत्पादों की बिक्री करके भी कमाई होती है। नस्ल सुधार के लिए बकरों को किराए पर देना और होटलों व कसाइयों को सीधे मांस सप्लाई करना भी मुनाफा बढ़ाने में मदद करते हैं।
सफल बकरी पालन के टिप्स
- शुरुआत में कम बकरियों से शुरू करें और धीरे-धीरे संख्या बढ़ाएं।
- बीमार या कमजोर बकरियों को तुरंत अलग करें।
- स्थानीय बाजार की मांग के हिसाब से नस्ल चुनें।
- सरकारी योजनाओं और पशुपालन विभाग से मिलने वाली सब्सिडी का फायदा उठाएं।
- बकरी पालन से जुड़े ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लें।
कम बकरियों से करें शुरुआत
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि शुरुआत में कम बकरियों से शुरुआत करें और अनुभव के साथ संख्या बढ़ाएं। बीमार या कमजोर बकरियों को तुरंत अलग करें और स्थानीय बाजार की मांग के अनुसार नस्ल चुनें। सरकारी योजनाओं और पशुपालन विभाग से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ भी लेना चाहिए। साथ ही बकरी पालन से जुड़ी ट्रेनिंग में हिस्सा लेना लाभकारी हो सकता है।
जानकार मानते हैं कि सही योजना, देखभाल और बाजार की समझ के साथ बकरी पालन लंबे समय तक स्थायी और अच्छा मुनाफा देने वाला व्यवसाय बन सकता है। यह न केवल किसानों के लिए बल्कि उन युवाओं के लिए भी बेहतर विकल्प है जो कम निवेश में अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।