इस्लामाबाद। लंदन में इलाज करा रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इमरान खान सरकार ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। नवाज की जमानत अवधि नहीं बढ़ाने का फैसला पंजाब सरकार ने मंगलवार को लिया। सरकार ने उनपर जमानत की शर्तें तोडऩे का आरोप लगाया है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। खान के विशेष सलाहकार डॉ फिरदौस आशिक अवान कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि नवाज ने लंदन के किसी भी अस्पताल में अपनी मेडिकल रिपोर्ट नहीं सौंपा है। मेडिकल बोर्ड ने नवाज के भेजे मेडिकल रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
आज से नवाज शरीफ को भगोड़ा घोषित किया जा रहा है। अगर कानून के तहत वह देश नहीं लौटते हैं तो उन्हें पूरी तरह से भगोड़ा घोषित कर दिया जाएगा। तीन बार के प्रधानमंत्री शरीफ 19 नवम्बर 2019 को इलाज के लिए लंदन रवाना हो गए थे। 23 दिसंबर को शरीफ ने लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा प्रदान किए गए विदेश प्रवास की अवधि समाप्त होने पर उसे बढ़ाने की मांग की थी।
इसके बाद पंजाब सरकार ने इस पर निर्णय करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया और निर्णय करने के लिए ताजा चिकित्सकीय रिपोर्ट मांगी थी। बशारत ने स्थानीय स्वास्थ्य मंत्री डा. यास्मीन राशिद सहित पंजाब कैबिनेट के अन्य सदस्यों के साथ आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘समिति ने निर्णय किया है कि नवाज शरीफ की जमानत और नहीं बढ़ाई जा सकती।
उन्होंने कहा कि लाहौर उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि शरीफ को आठ सप्ताह की जमानत प्रदान की गई थी। हालांकि तब से और आठ सप्ताह बीत गए क्योंकि तब से चर्चा चल रही थी। उन्होंने कहा, ‘जब तक पंजाब सरकार ने निर्णय नहीं किया था, यह जमानत स्वत: ही बढऩी थी, इसलिए यह 16 सप्ताह के लिए बढ़ गई।
बशारत ने कहा कि 16 सप्ताह बीत जाने के बाद प्रांतीय सरकार चाहती थी कि उसे शरीफ के स्वास्थ्य के बारे में सूचित किया जाए जिसके आधार पर उनकी जमानत पर कोई निर्णय किया जा सके। बशारत ने कहा, ‘आज तक उन्हें (नवाज) लंदन के किसी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है। उन्होंने कहा कि पीएमएल..एन सुप्रीमो के स्वास्थ्य के बारे में कोई विशिष्ट जानकारी साझा नहीं की गई।