नई दिल्ली। लंबे समय से चले आ रहे अरब इजरायल विवाद का मंगलवार को अंतिम दिन था। मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता हुआ। इस ऐतिहासिक समझौते के लिए अमेरिका के व्हाइट हाउस में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया था।
कई गणमान्य लोग इस ऐतिहासिक पल के बने गवाह
तीनों देशों के बीच हुए इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू, यूएई की तरफ से विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद और बहरीन की ओर से विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ अल जयानी मौजूद थे। इस ऐतिहासिक पल का गवाह इन देशों के साथ-साथ कुछ अन्य गणमान्य लोग भी बने।
ट्रंप ने इस समझौते के लिए कुछ डेमोक्रैट्स को भी आमंत्रित किया था जिन्होंने इस समझौते का चुपचाप समर्थन किया था। मिस्र, जॉर्डन के बाद यूएई और बहरीन ऐसे अरब देश हैं जिन्होंने इजरायल को मान्यता दी है। इस ऐतिहासिक पल पर विशेष रूप से 700 लोगों को बुलाया गया था।
अरब-इजरायल विवाद हमेशा के लिए खत्म – बेन्जामिन नेतन्याहू
अमेरिका के व्हाइट हाउस में हुए इस ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इजरायल के पीएम बेन्जामिन नेतन्याहू ने कहा कि रिश्ते सामान्य करने वाले समझौते से अरब-इजरायल विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो गया। इस मौके पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह मिडिल ईस्ट इलाके के देशों के लिए नए सवेरे जैसा है।
उन्होंने कहा कि दशकों के विभाजन और संघर्ष के बाद हमने एक नए मिडिल ईस्ट की शुरुआत की है। इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के लोगों को बधाई। यूएई के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद ने नेतन्याहू का शांति के चुनाव और फिलिस्तीन क्षेत्र को शामिल करने के कार्यक्रम को रोकने पर शुक्रिया अदा किया।
डोनाल्ड ट्रंप के दामाद और सलाहकार जैरेड कुशनर ने वार्ता का नेतृत्व किया है, उन्होंने कहा कि समझौते में शामिल देशों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है, इसने क्षेत्र में आशा की एक किरण पैदा की है।