हिन्दू संस्कृति के आधार पर भारत पुनः अखण्ड होगा, रुद्राक्ष सभागार में तीन दिवसीय संस्कृति संसद का हुआ आयोजन
हरिओम कुमार, वाराणसी। संस्कृति संसद के उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय संत समिति के मुख्य निदेशक स्वामी ज्ञानदेव सिंह ने कहा कि हिन्दू संस्कृति के आधार पर पुनः भारत अखण्ड होगा। उन्होंने यह विचार वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति एवं काशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में गंगा महासभा द्वारा नगर निगम वाराणसी स्थित रुद्राक्ष सभागार में आयोजित तीन दिवसीय संस्कृति संसद के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वेद भारतीय संस्कृति का मूल है तथा वेदों का मूल संस्कृति एवं संस्कृत है। उन्होंने कहा कि माता ही हमारी प्रथम गुरु है इसीलिए हमें यह शिक्षा दी जाती है मातृ देवो भवः, अतिथि देवो भवः, आचार्य देवो भवः, हमारे लिए यह सभी महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी संप्रदायों के मूल भेद और सभी संस्कृति के वेदों को बताया तथा अंत में कहा कि भारत अखंड था और हिन्दू संस्कृति के आधार पर ही पुनः अखण्ड होगा...