Tag: भारतीय इतिहास

हिन्दू संस्कृति के आधार पर भारत पुनः अखण्ड होगा, रुद्राक्ष सभागार में तीन दिवसीय संस्कृति संसद का हुआ आयोजन
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हिन्दू संस्कृति के आधार पर भारत पुनः अखण्ड होगा, रुद्राक्ष सभागार में तीन दिवसीय संस्कृति संसद का हुआ आयोजन

हरिओम कुमार, वाराणसी। संस्कृति संसद के उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय संत समिति के मुख्य निदेशक स्वामी ज्ञानदेव सिंह ने कहा कि हिन्दू संस्कृति के आधार पर पुनः भारत अखण्ड होगा। उन्होंने यह विचार वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति एवं काशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में गंगा महासभा द्वारा नगर निगम वाराणसी स्थित रुद्राक्ष सभागार में आयोजित तीन दिवसीय संस्कृति संसद के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वेद भारतीय संस्कृति का मूल है तथा वेदों का मूल संस्कृति एवं संस्कृत है। उन्होंने कहा कि माता ही हमारी प्रथम गुरु है इसीलिए हमें यह शिक्षा दी जाती है  मातृ देवो भवः, अतिथि देवो भवः, आचार्य देवो भवः, हमारे लिए यह सभी महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी संप्रदायों के मूल भेद और सभी संस्कृति के वेदों को बताया तथा अंत में कहा कि भारत अखंड था और हिन्दू संस्कृति के आधार पर ही पुनः अखण्ड होगा...
गिलगिट बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के कदम को भारत ने जोरदार विरोध, क्या है मामला
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गिलगिट बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के कदम को भारत ने जोरदार विरोध, क्या है मामला

नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के हिस्से में किभी भी प्रकार के बदलाव का विरोध किया। भारत सरकार की ओर से स्पष्ट संदेश देते हुए कहा गया है कि गिलगिट बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है और पाकिस्तान को इसे तुरंत खाली करना चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र गिलगिट बाल्टिस्तान को जबरन कब्जा कर रखा है। अब वह उसे अस्थाई प्रांत का दर्जा देने जा रहा है।भारत ने पाकिस्तान के इस प्रयास को 'क्षेत्र पर 'अवैध' कब्जे को छिपाना' बताया है। विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा पाकिस्तान के इस प्रयास पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि इस्लामाबाद के 'अवैध और जबरन कब्जे वाले' भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से में बदलाव लाने के पाकिस्तान के किसी भी प्रयास को भारत 'दृढ़ता से खारिज' करता है।गौरतलब है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने गिलगित का...
17 दिसंबर का वह दिन जब भगत सिंह ने अंग्रेज पुलिस अधिकारी को गोली मारी थी
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17 दिसंबर का वह दिन जब भगत सिंह ने अंग्रेज पुलिस अधिकारी को गोली मारी थी

डेस्क। हर साल का हर महीना कुछ न कुछ घटनाओं को अपने आप में समेटे हुए रहते हैं। प्रत्येक महीने का प्रत्येक दिन घटनाओं और तिथियों से युक्त होता है। लेकिन कुछ दिन ऐसे भी होते हैं जो इतिहास की उन घटनाओं को अपने में समेटे हुए रहते हैं जिनके बारे में जानकर उनके बारे में जानने को लेकर और उत्सुकता बढ़ती है। आइए जानते हैं 17 दिसंबर को इतिहास की नजर से।साल के आखिरी महीने का सत्रहवां दिन इतिहास में दो बड़ी अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के साथ दर्ज है। 17 दिसंबर 2014 को अमेरिका और क्यूबा ने कई वर्षों के बाद दोबारा कूटनीतिक संबंधों को बहाल किये जाने की घोषणा की थी। वहीं, 1928 में क्रांतिकारी भगत सिंह और राजगुरु ने अंग्रेज पुलिस अधिकारी को गोली मारी थी।यह भी पढ़ें - दिसम्बर 1992 की इस घटना ने बदल दी बीजेपी और देश की राजनीति का भविष्यफिदेल कास्त्रो के तीन जनवरी 1961 में बतिस्ता शासन को हटाकर सत्ता में आने के...